लोहारू हल्के में अबकी बार प्यास बुझाने वाला ही जीतेगा विधानसभा की चुनावी जंग
सत्यखबर सिवानी मंडी (सुरेन्द्र गिल) – हरियाणा के आखिर में लगते लोहारू हलके में लोगों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि बंसीलाल ने अपनी पूर्व सरकार के दौरान सीमावर्ती हरियाणा के टीलों में अंगूर की बेलें लगाने के सपने को साकार करने की कोशिश की। खेतों में नहरों का जाल बिछवाया, लेकिन टेल तक पानी न पहुंच पाने के कारण ये सफल सफल नहीं हो पाई। सूखी नहरें अस्तित्व को जूझ रही हैं। खेती तो दूर यहां लोगों को पीने का शुद्ध पानी भी आसानी से उपलब्ध नहीं है। हलके में भूमिगत जल स्तर 200 फीट को पार कर चुका है। एक अनुमान के अनुसार अगर यही स्थिति रही तो अगले दस साल में लोहारू इलाके की जनता पीने के पानी के लिये तरस जायेगी। यहां किसान परंपरागत खेती करने को ही मजबूर हैं। बारिश है तो फसल होगी नहीं तो सूखा। लोगों का कहना है कि जिस भी दल का प्रत्याशी इलाके में पेयजल व नहरों में पानी पहुंचायेगा वही विधायक बनेगा।
जो देगा यातायात की बेहतर सुविधा , उसे ही देगे कुर्सी
टूटी सड़कें यहां की पहचान बन चुकी हैं। लोगों को याद नहीं कि आखिरी बार इनकी मरम्मत कब हुई थी। हर चुनाव में नेता विकास की बात कर वोट ले जाते हैं, लेकिन विकास कभी नहीं हुआ। यही हालत बिजली और पानी की है। गर्मियों में तो बिजली के हालात और भी बिगड़ जाते हैं। मुश्किल से आठ-दस घंटे ही बिजली मिलती है।
इसके अलावा परिवहन की समस्या भी यहां मुंह बाये खड़ी रहती है। गांवों के लिये यातायात के साधन सीमित हैं। कई जगह तो सुबह-शाम को ही बस चलती है। लोगों की मांग है कि गांवों के लिये भी यातायात की बेहतर सुविधा के लिये आने वाला विधायक प्रयास करे। चुनाव के दौरान लेाहारू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले सभी दलों के नेता लोहारू में विकास के वादे कर चुके हैं। लेकिन अब तक किसी ने इस वादे को पूरा नहीं किया है। इसके पूरा नहीं होने से लोगों को धक्के खाने पड़ते हैं। क्षेत्र के तहत आने वाले सिवानी खंड में कॉलेज तो हैं, लेकिन इसमें भी साइंस फैकलिटी नहीं है। इससे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिये लंबा सफर तय करके या तो राजस्थान या फिर भिवानी, हिसार जाना पड़ता है।
विधायक वही बनेगा, जो हलके में उद्योग लेकर आयेगा
राजस्थान से लगता यह हलका कई वर्षों से उद्योग के लिये तरस रहा है। लोहारू हल्के में दुकानों के साथ खास महत्व रखने वाली सिवानी की अनाज मंडी की रौनक आज केवल सरकारी खरीद पर ही टिकी है। उद्योग के नाम पर सिवानी मंडी पूरी तरह पिछड़ा हुआ है। सरकार बदलते ही लोगों को उम्मीद थी कि अब लोहारू क्षेत्र के किसानों के युवा बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा। यह क्षेत्र उद्योग के लिये तरस रहा है और यहां बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।
जो उच्च शिक्षण संस्थान खुलवायेगा
लोहारू हल्के के अंतर्गत आने वाले खेड़ा गांव में केवल सरकारी आईटीआई है। उच्च शिक्षा के लिए कोई संस्थान नहीं है। उच्च शिक्षा के लिये विद्यार्थियों को राजस्थान जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होती है। कोचिंग के लिये भी छात्र पिलानी, कोटा, सीकर जाते हैं। किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।